साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से पहुंचे 51 लोगों की समस्याओं को सुना। साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुंगेर जिला से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति की गयी, जिसका अब तक बकाए राशि का भुगतान नहीं हुआ है, इससे काफी परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पश्चिम चंपारण जिला से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पति वन रक्षी के पद पर कार्यरत थे, उनके निधन के बाद अनुकंपा पर आश्रित को अब तक नौकरी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सारण जिला से आए एक व्यक्ति ने अपने गांव में पुल निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि अधूरे पड़े कार्य को जल्द पूर्ण कराया जाए। मुजफ्फरपुर जिले से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि हमारे इलाके में पेड़ का कटाव निरंतर किया जा रहा है, हमने इसका विरोध किया और सूचना के अधिकार के तहत जवाब मांगा। उसके बाद सूचना दी गई कि किसके आदेश से पेड़ काटे जा रहे हैं किसी को इसकी जानकारी नहीं है। इसके बाद हमने पेड़ काटने का फोटो अधिकारियों को दिखाया, उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई करने का आदेश हुआ, मगर अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मुजफ्फरपुर जिला से ही आए एक अन्य फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके गांव में 300 परिवारों के आवागमन के लिये अब तक रास्ते का निर्माण नहीं कराया गया है। मुजफ्फरपुर जिला से ही आयी एक अन्य महिला फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि इंदिरा आवास में नाम होने के बाद भी मुझे इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है।
कैमूर जिला से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाना है वो अब तक हमारे गांव में पूरी तरह नहीं पहुंचा है, जहां जल पहुंचा है, उसका पाइप भी जगह-जगह फटा हुआ है। इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी अबतक किसी प्रकार की उचित कार्रवाई नहीं की गयी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सीतामढ़ी जिला से आए जल संसाधन विभाग में कनीय अभियंता के पद से अवकाश प्राप्त इंजीनियर के पुत्र ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पिता के सेवानिवृति के साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी सेवांत लाभ नहीं दिया जा रहा है, जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सीतामढ़ी जिला से ही आए एक अन्य फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में मास्क बनाकर आपूर्ति किए जाने के बाद भी अब तक उनके बकाए राशि का मुखिया द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है।
औरंगाबाद जिला से आए एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें नल जल योजना के तहत काम किये जाने के बाद भी अब तक बकाए राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
सीवान जिला से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि नगर परिषद द्वारा डस्टबिन योजना में घोर अनियमितता बरती गई है। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं सीवान जिला से ही आए एक अन्य फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे घर के पास सड़क और नाला नहीं होने की वजह से 9 फीट तक पानी जमा रहता है, जिससे डेंगू के मच्छर का प्रकोप सालों भर बना रहता है। डेंगू की वजह से हमने माता-पिता दोनों को खो दिया है।
रोहतास जिला से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि बिहार राज्य फूड कॉरपोरेशन द्वारा पैक्स की राशि का गबन किया गया है, इसको लेकर कई बार शिकायत की गई मगर अब तक इस मामले में दोषियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
दरभंगा जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि जन वितरण प्रणाली के लिए आवेदन दिया था, लेकिन लाइसेंस अब तक निर्गत नहीं किया गया है। वहीं दरभंगा से ही आए एक अन्य युवक ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुये कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए पैसा आया मगर बिना शौचालय बनाए कई लोगों को पैसे का भुगतान कर दिया गया है।
नालंदा जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि 1500 परिवारों वाले टोले के लिए अब तक संपर्क पथ का निर्माण नहीं कराया जा सका है, जिससे आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।